🗳️ वोट का अधिकार: आपकी सबसे कीमती ताक़त
✍️ लेखक: हनी श्रीवास्तव
🌱 कहानी एक उंगली की...
कभी आपने सोचा है कि वोट डालने के बाद जो नीली स्याही आपकी उंगली पर लगती है, उसका मतलब क्या है?
वो सिर्फ़ एक निशान नहीं है।
वो आपकी आज़ादी की मुहर है।
वो उस संघर्ष की पहचान है जो हमारे पूर्वजों ने अंग्रेज़ी राज से लड़कर हासिल की।
वो इस बात की गवाही है कि इस देश का असली मालिक आप हैं — और कोई नहीं।
🧬 लोकतंत्र की आत्मा है — वोट
भारत जैसा विशाल देश, जहां भाषा, धर्म, जाति, भूगोल — सब कुछ बदलता है, वहाँ एक चीज़ है जो हमें एक सूत्र में बांधती है — वोट देने का समान अधिकार।
चाहे कोई अमीर हो या गरीब, गांव में हो या महानगर में — हर कोई एक जैसी कतार में खड़ा होता है।
वहां न कोई राजा है, न रंक।
न नेता, न अभिनेता।
वहां सिर्फ़ एक होता है — नागरिक। और उसका हाथ उठता है — लोकतंत्र के नाम पर।
जब इस अधिकार को छीना जाता है...
हाल की खबरों में आया कि बिहार में लाखों लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए जा सकते हैं।
कारण? तकनीकी। तर्क? दोहराव। नतीजा? चुप्पी।
अब सोचिए —
कोई बुज़ुर्ग जिनके नाम पर वर्षों से राशन कार्ड है, अब कह दिया जाएगा कि उनका नाम डुप्लीकेट है।
या कोई प्रवासी मजदूर, जो हर चुनाव में घर आकर वोट देता था, अब जान ही नहीं पाएगा कि उसका नाम लिस्ट में नहीं है।
ये केवल आंकड़े नहीं हटते, ये इंसानों की आवाज़ें खो जाती हैं।
📘 संविधान क्या कहता है?
हमारा संविधान कहता है —
“हर नागरिक को स्वतंत्र, निष्पक्ष और समान रूप से चुनाव में भाग लेने का अधिकार है।”
और यही कारण है कि मतदान व्यवस्था को संविधान का मूल ढांचा कहा गया है।
कोई भी व्यक्ति — कितना भी बड़ा क्यों न हो — इस अधिकार को ना तो छीन सकता है, और ना ही अनदेखा कर सकता है।
⚖️ जब लोकतंत्र खतरे में होता है...
तो उसकी रक्षा करने के लिए सिर्फ़ कानून नहीं, ज़मीर भी चाहिए।
भारत का सुप्रीम कोर्ट केवल कानून की किताबें नहीं पढ़ता — वह संविधान की आत्मा को सुनता है।
और आज ज़रूरत है कि वह इस “सुनवाई” को समझे — और बोले।
अगर चुनाव आयोग से ग़लती हो रही है, तो उसे सुधारा जाए।
लेकिन अगर यह साज़िश है — तो उसे रोका जाए।
क्योंकि जब वोटर ही नहीं रहेगा, तो वोट की कीमत क्या बचेगी?
🌼 निष्कर्ष: यह देश तुम्हारा है
आपका वोट सिर्फ़ एक बटन नहीं है —
यह आपकी आवाज़, आपकी पहचान, और आपके भविष्य की चाबी है।
इसलिए जब भी कोई संस्था, कोई प्रक्रिया या कोई पदाधिकारी इस अधिकार को कमजोर करता है,
तो समझिए — वो सिर्फ़ कानून नहीं तोड़ता, वो आपके भरोसे को तोड़ता है।
📣 अब आपकी बारी है...
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क्या आपने चेक किया कि आपका नाम मतदाता सूची में है या नहीं?
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क्या आपने अपने परिवार, दोस्तों को जागरूक किया?
आज बोलिए — ताकि कल आपका हक़ न छिने।
✍️ लेखक: हनी श्रीवास्तव
📢 लोकतंत्र को बचाने के लिए कल नहीं — आज ज़रूरी है बोलना।
